Membership : Any citizen of the country whose minimum age is 18 years can get membership under Jan Swasthya Sahayata Abhiyan. Documents required to take membership: Aadhar card, PAN card and photocopy of ration card and membership fee are necessary.
सदस्यता : देश के कोई भी नागरिक जिसकी न्यूनतम आयु 18 वर्ष है, वो जन स्वास्थ्य सहायता अभियान के अंतर्गत सदस्यता प्राप्त कर सकते हैं। सदस्यता लेने के लिए जरूरी दस्तावेज आधारकार्ड, पैन कार्ड तथा राशन कार्ड की छायाप्रति एवं सदस्यता शुल्क जरूरी है।
Benefits : Jan Swasthya Sahayata card is provided by the organization to each member associated under the Jan Swasthya Sahayata Abhiyan.And through this card, you will get better treatment by special doctor, medicines and medical examination in the health camp organized by the organization and as per the need, financial assistance and health related assistance will be provided.
सुविधा : जन स्वास्थ्य सहायता अभियान के अंतर्गत जुड़े प्रत्येक सदस्य को संस्था द्वारा एक जन स्वास्थ्य सहायता कार्ड प्रदान किया जाता है और इस कार्ड के माध्यम से आपको संस्था द्वारा आयोजित स्वास्थ्य शिविर में विशेष चिकित्सक द्वारा बेहतर इलाज, दवाईयां एवं चिकित्सा जांच करायी जायेगी तथा आवश्यकता अनुसार तक की आर्थिक सहायता एवं स्वास्थ्य संबंधी सहायता प्रदान की जायेगी.
संस्थान विभिन्न आयुर्वेदिक दवा कम्पनियों के माध्यम से प्रत्येक ग्रामसभा स्तर पर आयुर्वेदिक दवा प्रचार-प्रसार केन्द्र की स्थापना हेतु सशर्त सतत प्रयत्नशील है प्रत्येक प्रचार-प्रसार केन्द्र पर दो (2) स्वैच्छिक रूप से सहमत , संस्थान के नियमानुसार ब्लाक कार्याधिकारी सदस्य, जिला कार्याधिकारी सदस्य,मण्डल कार्याधिकार सदस्य द्वारा चयन किया जायेगा । जो संस्थान कम्पनी के नियमानुसार सशर्त सहयोग देने हेतु तत्पर होंगे व संस्थान/कम्पनी द्वारा निर्धारित समस्त शैक्षिक योग्यता व अन्य समस्त शर्तो को पूर्ण करेंगे। कार्य सहयोग अवधि के अन्तर्गत मासिक 25000 (पच्चीस हजार रुपए) मात्र एक सशर्त सहयोग राशि प्रदान हेतु सहमत है कार्य अवधि 4 (चार) वर्ष निर्धारित किया गया है जो प्रत्येक 11 (ग्यारह) माह पर कार्य अनुसार पुनर्वित पुनः होगा 4 (चार) वर्ष उपरान्त संस्थान/कम्पनी के लक्ष्य के अनुसार मानक कार्य सहयोग के अनुसार बढाया जायेगा ।
कोर्स का पूरा नाम | रेडियोग्राफी में डिप्लोमा |
प्रवेश प्रक्रिया | प्रवेश प्रक्रिया योग्यता आधारित, प्रवेश परीक्षा आधारित |
औसत शुल्क | 1-2 लाख रूपये |
पाठ्यक्रम विषय | एनाटॉमी, बायोस्टैटिस्टिक्स, रेडियोडायग्नोसिस, अल्ट्रासाउंड,इमेजिंग,आदि। |
औसत वेतन | INR 3-7 एलपीए |
कार्य विवरणियां | एक्स-रे तकनीशियन, डायग्नोसिस रेडियोग्राफर,थेरेपी रेडियोग्राफर आदि। |
डीसीएच बाल चिकित्सा से संबद्ध विशिष्टताओं में बच्चों की देखभाल में सक्षमता को मान्यता देता है। जीपी और बाल रोग विशेषज्ञों सहित चिकित्सक, कौशल बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त स्नातकोत्तर मेडिकल डिप्लोमा हासिल करने के लिए डीसीएच का उपयोग करते है।
बाल स्वास्थ्य में डिप्लोमा की स्थापना 1935 में कई चिकित्सा पेशेवरों को बाल स्वास्थ्य में अपने अनुभव का प्रमाण प्रदान करने में सक्षम बनाने के लिए की गई थी।
कोर्स पूरा होने के बाद आयु 27 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए। हालाकि, ज्यादातर मामलो में यह जरुरी है की अगर आप सामान्य वर्ग से है तो आपकी उम्र २१ साल से कम होनी चाहिए, अगर आप एस.सी./एस.टी. है तो २४ साल से कम होनी चाहिए। पॉलिटेक्निक कि अवधि १० वीं के बाद करने पर ३ वर्ष और 12वीं कक्षा के बाद करने पर २ वर्ष होती है।
अली चाइल्ड केयर एजुकेशन छह साल से कम उम्र के बच्चों को ज्ञान और सामाजिक कौशल प्रदान करने के लिए विकसित एक कार्यक्रम है। प्रारंभिक बचपन देखभाल शिक्षा कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चे के दृढ़ आवश्यकताओ को पूरा करना है।
जब किसी व्यक्ति की हड्डी फ्रेक्चर होती है या फिर उसकी हड्डी में कोई समस्या होती है, तो उसे सबसे पहले एक्स-रे करवानी की सलाह दी जाती है। एक ब्यक्ति एक मशीन के द्वारा आप के शरीर का एक्स-रे लेता है, उस एक्स-रे लेने वाले ब्यक्ति को ही एक्स-रे टेक्नीशियनइस कहा जाता है। इस कोर्स को रेडियोग्राफी के नाम से जाना जाता है।
एक्स-रे टेक्नीशियन के कुछ महत्वपूर्ण कार्य है-
एक्स- रे टेक्नीशियन का डिप्लोमा कोर्स 2 साल का कोर्स है जिसमे छात्रों को विभिन्न रेडियोलोजी विषयों के बारे है। सिखाया जाएगा। बी.एस.सी. एक्स रे टेक्नोलॉजी 3 साल का कोर्स है जिसमे 6 सेमेस्टर होते हैं। सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि 6 से 18 महीने तक होती है।
किसी भी कोर्स के दिए इंस्टीट्यूट्स की ओर से फीस निर्धारित की जाती है।
CMS & ED Course के लिए योग्यता-
रूरल मेडिकल ऑफिसर | 5 से 6 लाख तक |
कम्यूनिटी हेल्थ वर्कर | 3.50 लाख से 5 लाख तक |
हेल्थ फिजिशियन | 3 लाख से 12.80 लाख तक |
जनरल फिजिशियन | 6.50 लाख से 10 लाख तक |
असिस्टेंट फार्मासिस्ट | 6 लाख से 8.50 लाख तक |
ECG टेकनीशियन को कार्डियोग्राफिक टेकनीशियन भी कहा जाता है, जो मरीज की हृदय गति को मापने के लिए वैदानिक परीक्षण चलाने के लिए इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम मशीनों का उपयोग करता है।
12 वीं पास के साथ उम्मीदवार के ECG तकनीशियन का 2 वर्ष का डिप्लोमा कोर्स किया होना 2 वर्ष चाहिए।
ECG टेक्नीशियन बनने के लिए स्टूडेंट्स 10 वीं के बाद इस फीलड में सर्टिफिकेट कोर्स और 12 वीं के बाद डिप्लोमा कोर्स कर सकते है।
ECG तकनीशियन बनने के लिए, व्यक्तियों के पास पहले कम से कम हाई स्कूल डिप्लोग या समकक्ष डिग्री होना चाहिए। आवेदकों को अतिरिक्त प्रमाणपत्र जैसे सीएनए (प्रमाणित सहयोगी) लाइसेंस या समकक्ष चिकित्सा प्रशिक्षण योग्यता की भी आवश्यकता हो सकती है।
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन ट्यूबरक्लोसिस एंड चेस्ट डिजीज कोर्स में छात्रो को छाती से संबंधित बीमारियो के इलाज के बारे में ज्ञान प्रदान किया जाता है। यह कोर्स डॉक्टरो को उनके करियर में आगे बढ़ने और अस्पताल या अनुसंधान केन्द्रों में शामिल होने और विशेषज्ञ डॉ. चिकित्सा सलाहकार या लैब सुपर वाइजर के रूप में काम करने में मदद करता है।
यह कोर्स दो साल की अवधि का फुल टाइम कोर्स है।
न्यूकिसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से छात्र 10+2 पास होना चाहिए। 10 वी के बाद साइंस होना जरूरी है जैसे फिजिक्स, केमिस्ट्री और जूलॉजी,या बॉटनी, बायोलॉजी साथ ही मुख्य विषय के रूप में अंग्रेजी का होना भी जरुरी है। OT कोर्स करने के बाद आपके पास मेडिकल क्षेत्र में रोजगर की संभावनाए बढ जाती है।किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से छात्र 10+2 पास होना चाहिए। 10 वी के बाद साइंस होना जरूरी है जैसे फिजिक्स, केमिस्ट्री और जूलॉजी,या बॉटनी, बायोलॉजी साथ ही मुख्य विषय के रूप में अंग्रेजी का होना भी जरुरी है। OT कोर्स करने के बाद आपके पास मेडिकल क्षेत्र में रोजगर की संभावनाए बढ जाती है।नतम 50% स्कोर के साथ भौतिकी, रसायन, और जीव विज्ञान/गणित के साथ 10+2 माकिसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से छात्र 10+2 पास होना चाहिए। 10 वी के बाद साइंस होना जरूरी है जैसे फिजिक्स, केमिस्ट्री और जूलॉजी,या बॉटनी, बायोलॉजी साथ ही मुख्य विषय के रूप में अंग्रेजी का होना भी जरुरी है। OT कोर्स करने के बाद आपके पास मेडिकल क्षेत्र में रोजगर की संभावनाए बढ जाती है।न्य है।
इस कोर्स में लडकियों को सिलाई करना खाना बनाना और अपने कर्तव्य को ठीक तरह से निभाना सिखाया जाता है। उन्हें बच्चों के नाज़ नखरे उठाने की ट्रेनिंग भी दी जाती है।इन्हें आत्मरक्षा के गुण भी सिखाए जाते है, इसके अलावा ड्राइविंग और साइबर सिक्योरिटी की भी ट्रेनिग दी जाती है।
नैनी बनने का पूरा कोर्स 4 साल का होता है।डिप्लोम किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी के द्वारा किया गया ऐसा सर्टिफिकेट होता है। जो बताता है की डिप्लोमा होल्डर ने किस विषय में पढ़ाई पूरी की है। डिप्लोमा किसी विशेय सब्जेक्ट में किया जा सकता है, और इसके लिए विषय चुनने का भी विकल्प डिप्लोमा करने वाले व्यक्ति के पास होता है।
यह कोर्स दंत चिकित्सा, मौखिक स्वच्छता, दंत रेडियोग्राफी,पिरिडीटल उपचार, बुनियादी बहाली और पर्णपाती दांतों को निकालने आदि पर केंद्रित है।
डेंटल हाइजीन में डिप्लोमा या डेंटल हाइजीन में स्नातक कर सकते हैं। डिप्लोमा की औसत अवधि २-३ वर्ष है, जबकि स्नातक कार्यक्रम की औसत अवधि ३-४ वर्ष है।
उमीदवारो की उम्र कम से कम 17 साल होनी चाहिए। डेंन्टिस्ट बनने के लिए बी डी एस यानी बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी बेस्ट प्रोफेशनल कोर्स है। एनटीए द्वारा आयोजित नीट परीक्षा के जरिए बीडीएस में एडमिशन मिलता है।
12 वी के बाद डेंन्टिस्ट बनने के लिए आपको बीडीएस यानी बैचलर्स ऑफ डेंटल सर्जरी कोर्स करना होगा। इस कोर्स में एडमिशन पाने के लिए नीट यूजी परीक्षा क्लियर करना अनिवार्य होता है।
इस कोर्स की अवधि 1.5 साल का क्लासरूम ट्रेनिग और 6 महीने ऑन-द- जॉब ट्रेनिग शमिल है।
इस डिप्लोमा कोर्स का दूसरा नाम डिप्लोमा इन डायलिसिस टेक्नोलॉजी (डीडीटी) है। छात्रो को डायलिसिस मशीनो के उचित उपयोग के साथ-साथ डायलिसिस तकनीक भी सिखाई जाती है।
डायलिसिस सप्ताह में 3 से 5 बार जो आपके रक्त को साफ करता है हेमोडायलिसिस चालू डायलिसिस है। पेट में खाली जगह को धोकर रक्त अपशिष्ट एकत्र करता है।
इस कोर्स का संबंध ऑपरेशन थियेटर से होता है, जिस टीम के सदस्य डॉक्टर, नर्स और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ होता है।
OT (ओटी) का पूरा नाम आपरेशन थियेटर टेक्निशियन होता है।
यह कोर्स डिप्लोमा और डिग्री दोनों के माध्यम से किया जा सकता है।
इस कोर्स की अवधि 2 साल की है।
किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से छात्र 10+2 पास होना चाहिए। 10 वी के बाद साइंस होना जरूरी है जैसे फिजिक्स, केमिस्ट्री और जूलॉजी,या बॉटनी, बायोलॉजी साथ ही मुख्य विषय के रूप में अंग्रेजी का होना भी जरुरी है। OT कोर्स करने के बाद आपके पास मेडिकल क्षेत्र में रोजगर की संभावनाए बढ जाती है।
ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा एक दो साल का डिप्लोमा कार्यक्रम है जो एक प्रशिक्षित और योग्य पेशेवर तैयार करने के लिए डिजाइन किया गया है जो अस्पतालों में गहन देखभाल इकाइयोंय के साथ-साथ आपातकालीन विभागों के ऑपरेशन थिएटर में चिकित्सा पेशेवरों की सहायता करेगा।
इस कोर्स को करने के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से विज्ञान विषयों के साथ 12वी उत्तीर्ण होना चाहिए। और आपरेशन थियटर असिस्टेंट के रूप में एक वर्ष का डिप्लोमा कोर्स किया जाता है।
इस कोर्स मे उम्मीदवार की आयु 21 वर्ष से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट का पद केन्द्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभागों के तहत चलाये जा रहे है। उम्मीदवार के पास किसी प्रतिष्ठित अस्पताल में ऑपरेशन थियटर सिस्टेंट रेडियोलॉजी और इमेजिंग टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा इस कोर्स का उद्देश्य रेडियोलॉजी और इमेजिंग टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तकनीशियन स्तर के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देना है।
पाठ्यक्रम का मुख्य उद्येश्य अस्पताल मे रेडियो-डायग्नोसिस विभाग में तकनीकी सहायको को प्रशिक्षित करना है।
के रूप में पूर्व अनुभव होना चाहिए।
हॉस्पिटल मैनेजमेंट जिसे हेल्थ केयूर एडमिनिस्ट्रेशन भी कहा जाता है, स्वास्थ्य संबंधी देखभाल सेवाएँ प्रदान करने के लिए प्रबंधकीय कौशल प्रदान करता है।
अस्पताल की वित्तीय व्यवस्था, कर्मचारियो की सुविधा आदि का कार्य भी इन्हें ही करना होता हैं।
इस कोर्स में भौडिप्लोमा इन फिजियोथैरेपी कोर्स केवल 2 वर्ष का होता है। इस कोर्स में छात्रो को 2 वर्षो तक फिजियोथैरेपी का थियोरेटीकल एंड प्रेक्टिकल नॉलेज दिया जाता है। डीपीटी कोर्स मे सेमेस्टर परीक्षाए ली जाती है। एक साल में छात्र को दो बार परीक्षा देनी होती है।तिकी, रसायन विज्ञान और जीवविज्ञान के साथ राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा मान्यत प्राप्त दो साल की प्री यूनिवर्सिटी परीक्षा या समकक्ष उत्तीर्ण होना चाहिए।
अस्पताल प्रबंधन/स्वास्थ्य प्रबंधन, स्वास्थ्य प्रशासन में डिप्लोमा १-२ साल लिए एक लोकप्रिय डिप्लोमा स्तरी अस्पताल प्रबंधन पाठ्यक्रम है। ये उद्योग प्रशिक्षण पाठ्यक्रम है जो उम्मीदवारो को अस्पताल प्रबंधन नौकरियों के लिए तैयार करते हैं। यह कोर्स 10 या 12वी के बाद किया जा सकता है
यह स्पेशलाइज्ड डिप्लोमा प्रोग्राम है जिसे डिजाइन किया गया है, ताकि विद्यार्थियों को होम्योपैथिक फार्मेसी की फील्ड के प्रिसिपल्स और प्रैक्टिस सिखाई जाए।
यह डिप्लोमा तकनीकी शैक्षिक योग्यता है। इसको प्राप्त करने व होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड में पंजीकरण उपरान्त अभ्यर्थी निजी अथवा सरकारी केन्द्रों में नौकरी करने का पात्र हो।
होम्योपैथिक चिकित्सक बनने के लिए पाँच वर्षीय पाठ्यक्रम होता है। जिसमे संपूर्ण मेडिकल योग्यता विषय पढ़ाए जाते है
होम्योपैथी में डिप्लोमा हासिल करने के लिए बुनियादी पात्रता मानदंड किसी मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड में 50-55%, कुल स्कोर के साथ कक्षा 10 যা 12 उत्तीर्ण करना है। पाठ्यक्रम की अवधि 2 से 4 तक होती है। होम्योपैथी अनुसंधान में संलग्न, होम्योपैथी को प्रभावकारिता और सिदंतो की खोज।
डीपीटी की फुल फॉर्म डिप्लोमा इन फिजियोथेरेपी है। यह फिजियोथेरेपी में डिप्लोमा कोर्स होता है। जिसके बाद में आप अपना फिजियो क्लीनिक खोल सकते है या फिर किसी भी Hospital में फिजियोथेरेपिस्ट के तोर जॉबकर सकते है इसमें करियर की अच्छी ग्रोथ भी है।
डिप्लोमा इन फिजियोथैरेपी कोर्स केवल 2 वर्ष का होता है। इस कोर्स में छात्रो को 2 वर्षो तक फिजियोथैरेपी का थियोरेटीकल एंड प्रेक्टिकल नॉलेज दिया जाता है। डीपीटी कोर्स मे सेमेस्टर परीक्षाए ली जाती है। एक साल में छात्र को दो बार परीक्षा देनी होती है।
इस कोर्स में 10+2 उत्तीर्ण करने के बाद उन्हें फिजियोथेरेपी में स्नातक कार्यक्रमो जैसे बेचलर ऑफ़ फिजियोथेरेपी और फिजियोथेरेपी बी० एस०सी को आगे बढ़ाने का चयन करना होगा। फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम यूजी,पीजी, डाक्टरेट और डिप्लोमा पाठ्यक्रम स्तरों पर पेश किये जाते है इस कोर्स में (भौतिकी, रसायन, और जीवविज्ञान विषयो के साथ विज्ञान स्ट्रीम में 12 वीं कक्षा में उत्तीर्ण होना चाहिए।
रेडियोलॉजी और इमेजिंग टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा इस कोर्स का उद्देश्य रेडियोलॉजी और इमेजिंग टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तकनीशियन स्तर के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देना है।
पाठ्यक्रम का मुख्य उद्येश्य अस्पताल मे रेडियो-डायग्नोसिस विभाग में तकनीकी सहायको को प्रशिक्षित करना है।
बैचलर ऑफ साइंस या बी.एस.सी. रेडियोग्राफी 3 साल की अवधि वाला कोर्स है और पूरे पाठ्यक्रम में लगभग 6 सेमेस्टर है।
उम्मीदवारो को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से विज्ञान स्ट्रीम के साथ 12वीं कक्षा पूरी करनी होगी।
उम्मीदवार पास न्यूनतम (%) स्कोर 45% से 60% होना चाहिए, जो उस विश्वविद्यालय या कॉलेज के अनुसार भिन्न हो सकते है जिसमे वे प्रवेश चाहते है।